भारतीय
डाक विभाग घर बैठे ऑनलाइन शॉपिंग करने के बढ़ते ट्रैंड में एक अहम भूमिका
निभाने जा रहा है। भारतीय बाज़ार में ई-कॉमर्स में आए उछाल को देखते हुए
डाक विभाग ने ई-रिटेल के दिग्गजों से हाथ मिलाया है जिनमें फ्लिपकार्ट,
स्नैपडील और अमेजन जैसी कंपनियाँ शामिल हैं। देश के हर कोने में ऑनलाइन
कंपनियों के सामान की डिलिवरी करने के लिए भारतीय डाक विभाग तैयारियों में
जुट गया है।
'राष्ट्रीय
डाक सप्ताह' के दौरान 11 अक्टूबर को मेल दिवस के अवसर पर आयोजित प्रेस
वार्ता के दौरान आधुनिक होते भारतीय डाक विभाग के बारे में कई जानकारियाँ
साझा की गईं। साथ ही अत्याधुनिक 'ऑटोमेटेड मेल प्रॉसेसर सेंटर' में लगी
मशीन को भी प्रदर्शित किया गया।
पोस्टल
सर्विस बोर्ड के सदस्य जॉन सैमुअल ने iamin से बात करते हुए बताया कि जल्द
ही भारतीय डाक विभाग पूरे देश में बने लगभग 1.55 लाख डाक कार्यालयों को
हाईटैक 'पार्सल हब' में बदलने जा रहा है। इस योजना में 4,900 करोड़ के
निवेश की योजना बनाई गई है।
जॉन
सैमुअल ने कहा, "दुनिया बदल रही है, देश बदल रहा है और जल्द ही भारतीय डाक
विभाग में भी बदलाव होने जा रहे हैं। विकसित मशीनों के प्रयोग के साथ-साथ
ई-कॉमर्स में भी भारतीय डाक बड़ी भुमिका निभाने जा रहा है।"
मुख्य
पोस्टमास्टर जनरल वशुमित्र ने आईजीआई एयरपोर्ट पर बने ऑटोमेटेड मेल
प्रॉसेसिंग सेंटर को भारतीय डाक के आधुनिकीकरण में महत्वपूर्ण बताते हुए
कहा कि सेंटर में लगी लैटर सोर्टिंग मशीन, मिक्सड मेल सोर्टर मशीनें कई
घण्टों का काम कुछ ही पलों में करती हैं। इन मशीनों के द्वारा न केवल
अलग-अलग राज्यों के अनुसार चिठ्टियों और पार्सलों को अलग-अलग कर दिया जाता
है बल्कि पिनकोड के अनुसार हर क्षेत्र के चिठ्टियों और पार्सलो की छंटाई हो
जाती है।
एक
घण्टे में 33 हजा़र चिट्ठियों को पत्ते के अनुसार अलग-अलग करने वाली इस
मशीन के बेहतर प्रयोग के लिए उन्होंने ग्राहकों से भी अनुरोध किया कि वह
चिट्ठियों और पार्सलों पर सही ढंग से पता व पिनकोड लिखे और रंग-बिरंगे
लिफाफों का इस्तेमाल न करें ताकि मशीन द्वारा छंटाई करने में समस्या न आए।
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