Sunday 31 March 2013

अब तक के सबसे बड़े हमले ने धीमी कर दी इंटरनेट की रफ्तार


लंदन. इंटरनेट पर अब तक का सबसे बड़ा हमला हुआ है जिससे दुनियाभर में लाखों लोगों का इंटरनेट कनेक्शन प्रभावित होने की संभावना है। 
 
यह हमला इंटरनेट फर्म स्पैमहौज के जेनेवा स्थित इंटरनेट मुख्यालय में बदला लेने की नीयत से किया गया है। लेकिन इसका असर अब अन्य वेबसाइटों पर भी पड़ रहा है और नतीजतन ईमेल जैसी सेवाएं प्रभावित होने लगी हैं। 
 
इस हमले के नतीजे से दुनियाभर में इंटरनेट की गति धीमी पड़ गई है। साइबर विशेषज्ञों के मुताबिक यह इंटरनेट पर अब तक का सबसे बड़ा हमला है। स्पैमहौज के मुताबिक यदि यह हमला किसी देश की सरकारी वेबसाइटों पर किया जाता तो वेबसाइटों पूरी तरह काम करना बंद कर देती। फिलहाल स्पैमहौज के इंजीनियर इससे निपटने में लगे हैं। 
 
स्पैमहौज इंटरनेट पर स्पैम रोकने का काम करती है। कंपनी ने एक वेबसाइट को ब्लैकलिस्ट कर दिया था जिसका बदला लेने के लिए यह हमला किया गया है। 
 
यह हमला इतना बड़ा है कि इसका असर नेटफ्लिक्स जैसी चर्चित सेवाओं पर भी दिखने लगा है। स्पैमहौज के मुताबिक हमले का उद्देश्य इंटरनेट की गति धीमी करना है। 
 
इंटरनेट पर अब तक के इस सबसे बड़े हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए क्लाउडप्लेयर के सीईओ मैथ्यू प्रिंस ने न्यूयॉर्क टाइम्स से कहा, 'इंटरनेट पर यह हमला ऐसे है जैसे परमाणु हमला हो।'
 
गौरतलब है कि लंदन और जेनेवा स्थित कंपनी स्पैमहौज ईमेल और अन्य वेबसाइटों से स्पैम हटाने का काम करती है। इस नॉन प्रॉफिट कंपनी ने साइबरबंकर को ब्लैकलिस्ट कर दिया था जिसके नतीजे में यह हमला हुआ है। स्पैमहौज के प्रवक्ता के मुताबिक हमला साइबरबंकर ने बदला लेने की नीयत से किया है। 
 
यह हमला ऐसा ही है जैसे किसी सड़क पर ज्यादा गाड़िया उतारकर ट्रैफिक जाम कर देना। इंटरनेट एक्सेस की अधिकाधिक रिक्वेस्ट भेज कर इंटरनेट पर ट्रैफिक को धीमा कर दिया गया है। 
 
इस हमले को दो इंटरनेट कंपनियों की आपसी लड़ाई के रूप में भी देखा जा सकता है लेकिन इसका सबसे विध्वंसक पहलू यह है कि इसका असर आम इंटरनेट उपभोगताओं पर भी पड़ना शुरू हो गया है। अकामाई नेटवर्क्स के मुख्य इंजीनियर पैट्रिक गिलमोर के मुताबिक स्पैमहौज का काम ही इंटरनेट पर स्पैम अटैक करने वालों को रोकना है लेकिन साइबरबंकर को लगता है कि उसे इंटरनेट पर स्पैम करने की इजाजत होनी चाहिए। 
 
उन्होंने हमले के स्तर का अनुमान बताते हुए कहा कि यह ऐसे ही है जैसे किसी एक व्यक्ति की जान लेने के उद्देश्य से भीड़ पर मशीन गन से फायरिंग कर देना। उन्होंने बताया, 'बोटनेट कंप्यूटरों के द्वारा किए गया यह इंटरनेट हमला कई देशों के समूचे इंटरनेट कनेक्शन से बड़ा  है। यह लोग इंटरनेट एक्सेस करने की भारी रिक्वेस्ट भेज रहे हैं जिस कारण इंटरनेट धीमा होता जा रहा है।'

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